На ветке я — распустившийся лепесток. Нет, не лепесток, — бабочка я. Нет, даже не бабочка. Крылышко, которое — поймай рукой — и только цвет останется, а сожми руку, то даже пылинки не останется. --перевод: Гурам Браун | डाल पर खिली हुई पंखुरी हूँ नहीं पंखुरी तो नहीं तितली नहीं तितली भी नहीं पंख कि हाथ से मसलो तो बस रंग और हाथ झाड़ो तो धूल भी नहीं। --पूर्णिमा वर्मन |
Tuesday, 17 June 2008
Даже пылинки не останется / धूल भी नहीं
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1 comment:
मैं आलोचक तो नहीं हूं कि आपकी कविता के शिल्प और भाषा आदि के बारे में विस्तार से कुछ कह सकूं, लेकिन इतना ज़रूर कहुंगा कि छोटी सी यह कविता बड़े अर्थ छिपाए हुए है, खुद में...
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